बेरोजगारी को लेकर लंबे समय से आलोचनाओं का सामना कर रही भाजपा सरकार ने नौकरियों के सृजन और शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए कई घोषणाएं की हैं। 2 घंटे 41 मिनट लंबे बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने 13 बार रोजगार और नौकरी शब्द का इस्तेमाल किया। नए इंजीनियरों के लिए स्थानीय निकायों में सालभर की इंटर्नशिप, विदेशों में नौकरी के लिए ब्रिज कोर्स, रोजगार आधारित शिक्षा के लिए 150 उच्च शिक्षण संस्थानों में डिग्री/डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की घोषणा की। शिक्षा पर सरकार 99,300 करोड़ रुपए खर्च करेगी। रोजगार की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 103 लाख करोड़ का ऐलान किया और कहा कि इससे रोजगार भी मिलेंगे।
चीन की बात करें तो उसने 2019-20 में 29.58 लाख करोड़ शिक्षा पर खर्च किए थे, जबकि 2019-20 में भारत का पूरा बजट इससे 4% कम यानी 27.86 करोड़ रु. था। यह पिछली बार के 94890 करोड़ से महज 4% ज्यादा है। यह स्थिति तब है, जब पिछले साल दिसंबर में श्रम मंत्रालय ने यह स्वीकार किया था कि देश में 2017-18 में बेरोजगारी दर 6.1% रही, जो 45 साल में सबसे ज्यादा है। सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) कुछ दिन पहले आई रिपोर्ट में कहा गया कि सितंबर से दिसंबर 2019 के बीच भारत में बेरोजगारी दर 7.5% हो गई।
निर्मला ने कहा- इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 103 करोड़
वित्त मंत्री ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) के तहत 103 लाख करोड़ के 6500 प्रोजेक्ट लॉन्च किए गए हैं। इनसे रोजगार भी बढ़ेंगे। इसके लिए अभी तक 22 हजार करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस निवेश से इन्फ्रास्ट्रक्चर को बहुत मजबूती मिलेगी। इससे करीब 2 करोड़ रोजगार भी पैदा होंगे। एनआईपी के तहत हाउसिंग, पीने का पानी, एनर्जी, हेल्थकेयर, शिक्षण संस्थान, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस, मेट्रो, रेलवे, लॉजिस्टिक और सिंचाई आदि में प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे।
राहुल बोले- बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा, बजट में इस पर कोई योजना नहीं
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बजट की निंदा की। उन्होंने कहा कि देश में इस वक्त बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। इस पर कोई कूटनीतिक या केंद्रीकृत योजना नहीं है, जो युवाओं के लिए रोजगार के मौके बनाए। बजट भाषण में बहुत सारी बातें दोहराई गईं, घुमाकर बोली गईं। यह सरकार को और उसकी नीति को साफ करता है कि केवल बातें, लेकिन हो कुछ नहीं रहा।
शिक्षा, युवा और रोजगार
शिक्षा नीति के लिए 2 लाख सुझाव: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "2030 तक भारत में सबसे बड़ी वर्किंग पॉपुलेशन होगी। हमें रोजगार की जरूरत है। इसके लिए नई शिक्षा नीति जल्द बनाई जाएगी। हमें नई शिक्षा नीति को लेकर 2 लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं।"
उच्च शिक्षा में एफडीआई: वित्त मंत्री ने कहा- अच्छे शिक्षकों, अच्छी प्रयोगशालाओं के लिए हमें जाहिर तौर पर ज्यादा पैसे चाहिए होंगे। हम ऐसे कदम उठाएंगे जिससे विदेशी वाणिज्यिक ऋण और एफडीआई के लिए रास्ता खुले और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मुहैया कराई जा सके।
डिग्री स्तर पर ऑनलाइन शिक्षा: मार्च 2021 तक 150 उच्च शिक्षण संस्थानों में डिग्री/डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाएंगे। शहरी निकायों में एक साल तक नए इंजीनियरों को इंटर्नशिप का प्रोग्राम और डिग्री स्तर पर ऑनलाइन स्टडी का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। नेशनल पुलिस यूनिवर्सिटी और नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनाए जाने की घोषणा वित्त मंत्री ने की।
विदेशों में जॉब के लिए ब्रिज कोर्स: निर्मला ने कहा- विदेशों में शिक्षक नर्सों, चिकित्सकीय सहायकों की डिमांड है। ऐसे लोगों में कौशल का निर्माण करने के लिए विशेष तौर पर ब्रिज कोर्स शुरू किए जाएंगे। शिक्षा के लिए 99,300 करोड़ और कौशल विकास के लिए 3000 करोड़ का बजट दिया जाएगा।
जिला अस्पतालों के साथ पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज: डॉक्टरों की कमी पूरी करने के लिए पीपीपी मोड पर जिला अस्पतालों में मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे। जो राज्य अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज की सुविधा देने की मंजूरी और रियायती दरों पर जमीनें देंगे, उन्हें केंद्र सरकार वित्तीय मदद करेगी। आयुष्मान भारत के लिए 6400 करोड़ रु. अलॉट किए गए। इससे बड़ी तादाद में रोजगार निर्माण होगा।
सिंगल विंडो ई-लॉजिस्टिक मार्केट: "नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी जल्द ही जारी होगी। हम सिंगल विंडो ई-लॉजिस्टिक मार्केट बनाएंगे। हमारा फोकस रोजगार और क्षमता बढ़ाने पर रहेगा। इसके जरिए लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जा सकेगी।'
टूरिज्म से रोजगार: पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए भी सरकार ने घोषणाएं कीं। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ट्रैवल एंड टूरिज्म कम्पेटेटिव इंडेक्स में 2019 में 34वीं रैंकिंग पर आ गया। यह 2014 में 65वीं थी। विदेशी पर्यटन से होने वाली आय के संबंध में उन्होंने फॉरेन एक्सचेंज अर्निंग का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जनवरी से नवंबर की अवधि में यह 1.75 लाख करोड़ से 7% बढ़कर 1.88 लाख करोड़ हो गया। पर्यटन के क्षेत्र में विकास के लिए 25,00 करोड़ का बजट अलॉट किया गया।
रिक्रूटमेंट एजेंसी और क्लियरेंस सेल: नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी बनाई जाएगी। इसके जरिए सरकारी बैंकों में नॉन गैजेटेड पदों को भरा जाएगा। क्लियरेंस सेल के गठन का ऐलान किया गया है। यह युवा उद्यमियों को लैंड बैंक के बारे में जानकारी देगी। राज्य और केंद्र के स्तर पर क्लीयरेंस में मदद देगी।
महिला
शादी की उम्र: वित्त मंत्री ने कहा- 1978 में शारदा एक्ट (1929) को संशोधित कर महिलाओं की शादी की उम्र 15 से बढ़ाकर 18 की गई थी। भारत आगे बढ़ रहा है, महिलाओं के लिए करियर और हाई एजुकेशन में रास्ते खुल रहे हैं। उन्हें बेहतर पोषण दिए जाने की जरूरत है। इस संबंध में यह देखना जरूरी है कि महिलाओं की शादी की उम्र क्या हो, जब वे मातृत्व में प्रवेश करती हैं। मैं इसके लिए एक टास्क फोर्स के गठन का प्रस्ताव रखती हूं, जो 6 महीनों में अपनी रिकमंडेशंस देगी।
पोषण के लिए 35,600 करोड़: वित्त मंत्री ने कहा कि पोषण से जुड़े कार्यक्रमों के लिए 35,600 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इसके अलावा केवल महिलाओं पर केंद्रित कार्यक्रमों के लिए 28,600 करोड़ रुपए का बजट अलॉट किया गया है।